Friday 20 September 2013

tej barish me

तेज बारिश हो जाती है।
जब बुआ जी के यंहा थी , तब बी दोपहर को मेघ अचानक इसे ही बरसते थे ,
उमड़ते घुमड़ते आवारा मेघों का साया तब, मन को सिहरता नही था , अपितु
डरता भी नही था , हमें लगता था, इस घर में मेघ भी छानी के संग बनाये गये है
सच कितने प्यारे दिन थे वो, जब बादलों के संग हम होते , बदल हमारे संग रहते
हम बादलों की परछाई में दौड़ते हुए , स्कूल जाते थे।  स्कूल की कितनी यादें है, जो दिल को सुकून देती है 

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