घर और घरोंदे के बिच
नही होते कोई फर्क
जब, भी उड़ते हुए परिंदे देखो
तो, अपने घरोंदे को यद् करो
की, वो कन्हा जाते है
कंही तो उनके घोसले होंगे
बहुत शोर होता है , यंहा
नही होते कोई फर्क
जब, भी उड़ते हुए परिंदे देखो
तो, अपने घरोंदे को यद् करो
की, वो कन्हा जाते है
कंही तो उनके घोसले होंगे
बहुत शोर होता है , यंहा