bahut
बहुत याद अति है
याद आती है
साँझ और खिली खिली बर्षा
साँझ में घर से निकलकर
अच्छा लगता था
घिरती साँझ में
होती हुयी बारिश को निहारना
और बहुत कुछ अहसास होते थे
बहुत याद अति है
याद आती है
साँझ और खिली खिली बर्षा
साँझ में घर से निकलकर
अच्छा लगता था
घिरती साँझ में
होती हुयी बारिश को निहारना
और बहुत कुछ अहसास होते थे
No comments:
Post a Comment