मृदुला जी
मेरी स्क्रिप्ट के लिए
बेचैनी की वजह है
मेरा अनुभव
मैने इक महिला को जो, की अपने आप को
डायरेक्टर कहती थी
स्क्रिप्ट दी थी
उसने कहा की
वो, तो कंही रख दी है
और भी है
जिस का जिक्र नही कर प् रही हूँ
बेशक वो, बरस पहले की बात है
आप जब भी वक़्त मिले
मेरे गांव के पटे पर
भेजिए
आप मेसेज नही देखती
इश्लीए लिख रही हु
चूँकि बहुत थक गयी हूँ
इश्लीए ज्यादा प्रकाशकों से
बात नही कर रही हूँ
जोगेश्वरी
मेरी स्क्रिप्ट के लिए
बेचैनी की वजह है
मेरा अनुभव
मैने इक महिला को जो, की अपने आप को
डायरेक्टर कहती थी
स्क्रिप्ट दी थी
उसने कहा की
वो, तो कंही रख दी है
और भी है
जिस का जिक्र नही कर प् रही हूँ
बेशक वो, बरस पहले की बात है
आप जब भी वक़्त मिले
मेरे गांव के पटे पर
भेजिए
आप मेसेज नही देखती
इश्लीए लिख रही हु
चूँकि बहुत थक गयी हूँ
इश्लीए ज्यादा प्रकाशकों से
बात नही कर रही हूँ
जोगेश्वरी